भारत एक ऐसा देश है जहाँ गरीब को देखकर लोग दुत्कारते है, विधवा को शापित माना जाता है और अनाथ सड़को पर मारे मारे फिरते है। यह आदमी की बनायीं हुई विचारधारा का परिणाम है। बाइबिल जो मनुष्य के बनाने वाले परम परमेश्वर का वचन है भजनसंहिता ४१ :१-३ में ऐसे कहता है , ” धन्य है वह व्यक्ति जो गरीब की सुधि लेता है, प्रभु उसे विपत्ति से छुटकारा देगा। परमेश्वर उसे कायम रखेगा और जिन्दा भी वह इस धरती पर आशीष पायेगा और वह उसे उसके शत्रुओ के हाथ में नहीं लगने देगा। वह उसको बीमारी के बिस्तर पर तड़पने नहीं देगा और उसकी देखभाल करेगा। ” बहुत से उद्योगपति ,लाला और प्रशासन अधिकारी बीमार और दुखी होते है और उन्हें कोई भी दवाई और इलाज नहीं लगता क्योकि उन्होंने गरीब को सताया है। अभी हाल ही में मैंने एक डोकुयुमेंटरी देखी जिसमे कपड़े बनाने की फैक्ट्री का मालिक का इंटरव्यू लिया गया और उससे पुछा गया कि वह वर्करो से इतना काम तो लेता है पर इतनी काम तनखाह क्यों देता है। उसका जवाब बहूत विचित्र था ,”इसलिए कि वह शराब पिएंगे या जुआ खेलेंगे” बाइबिल यह भी कहती कि गरीब को सूर्यास्त होने से पहले ना दी गयी मजदूरी रोजगार देने वालो को बहुत महँगी पड़ती है। गरीब की पुकार को न सुनना डॉक्टर के बिल को बढ़ाना और जल्दी मर जाने का संकेत है। आज जब क्रोना का प्रकोप है , भूख और महामारी का राज्य है तो जो गरीब की मदद कर सकते है अवश्य करे जिससे परमेश्वर वह आपको बीमारी के बिस्तर से डिस्चार्ज कर सके ! प्रिय दोस्त बाइबिल के अनुसार जीवन और मौत का चुनना मनुष्य ही के हाथ में है। जो आप बिजोगे वही पाओगे। इसमें कोई दो राय नहीं ! अपनी ज़िंदगी को लम्बे समय तक कायम रखने और स्वस्थ रहने का रहस्य गरीब की सुधि लेना है !
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